NFSA New Update: राजस्थान में अपात्र लोगों के लिए 31 जनवरी तक अंतिम मौका, इसके बाद दंडात्मक कार्रवाई

NFSA New Update: राजस्थान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ प्राप्त कर रहे अपात्र लाभार्थियों के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण अपडेट जारी किया है। अब ऐसे लाभार्थियों को स्वेच्छा से अपना नाम कटवाने के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया गया है। इसके बाद, राज्य सरकार अपात्र लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगी।

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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत क्या हैं अपात्रता के मापदंड?

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ उन परिवारों को दिया जाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं और जिनकी वार्षिक आय एक निर्धारित सीमा से कम होती है। हालांकि, कई लोग ऐसे हैं जो अपात्र होते हुए भी योजना का लाभ उठा रहे हैं। ऐसे लोगों को बाहर करने के लिए राज्य सरकार ने एक विशेष पहल शुरू की है, जिसे “गिव अप अभियान” कहा जाता है।

इस अभियान के तहत यदि परिवार में निम्नलिखित में से कोई भी स्थिति मौजूद है, तो वे खाद्य सुरक्षा योजना के लाभ के लिए अपात्र माने जाएंगे:

  1. परिवार का कोई सदस्य आयकरदाता हो।
  2. परिवार का कोई सदस्य सरकारी या अर्द्ध सरकारी सेवा में हो।
  3. परिवार की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से अधिक हो।
  4. परिवार के पास चौपहिया वाहन हो।

स्वेच्छा से नाम हटाने का तरीका

राज्य सरकार ने अपात्र लाभार्थियों को स्वेच्छा से अपना नाम हटाने का एक सरल तरीका प्रदान किया है। ऐसे लाभार्थी राशन की दुकान पर जाकर स्व घोषणा प्रार्थना पत्र भरकर जमा कर सकते हैं। यह प्रक्रिया 31 जनवरी तक की जाएगी।

31 जनवरी के बाद क्या होगा?

जो लोग स्वेच्छा से अपना नाम नहीं हटवाएंगे, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। राजस्थान सरकार ने यह कदम उठाया है ताकि खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ केवल योग्य और जरूरतमंद परिवारों तक ही पहुंचे।

पहले ही हटाए गए हैं कई नाम

राजस्थान में गिव अप अभियान के तहत अब तक हजारों लोगों ने स्वेच्छा से अपना नाम खाद्य सुरक्षा योजना से हटवा लिया है। झुंझुनूं जिले में 1460, टोंक जिले में 454 और डीडवाना-कुमां में 2600 लोगों ने इस अभियान में भाग लिया है। इस पहल से राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने में मदद मिल रही है कि खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ उन तक पहुंचे, जो वास्तव में इसके हकदार हैं।

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निष्कर्ष

राजस्थान सरकार का यह कदम खाद्य सुरक्षा योजना के उचित और सही वितरण को सुनिश्चित करने के लिए अहम साबित हो सकता है। अपात्र लाभार्थियों को 31 जनवरी तक समय दिया गया है कि वे स्वेच्छा से अपना नाम कटवाएं। इसके बाद, राज्य सरकार द्वारा दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस पहल के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि खाद्य सुरक्षा का लाभ सही लोगों तक पहुंचे, ताकि राज्य के आर्थिक संसाधनों का सही उपयोग हो सके।

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